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जीएसटी में कम्पोजीशन स्कीम 30 जून,अंतिम तिथि

Table of Contents

जीएसटी में कम्पोजीशन स्कीम 30 जून,अंतिम तिथि

1. कम्पोजीशन स्कीम के लिए कौन एलिजिबल है?

टर्नओवर में सप्लाई ऑफ सर्विस का कॉम्पोनेन्ट मैक्सिमम 5 लाख रुपये या टर्नओवर के 10% से ज्यादा न हो।( इसके लिए सप्लाई ऑफ सर्विस का टर्नओवर केलकुलेट करते समय, ब्याज शामिल नहीं होगा। अन्य एक्सएम्प्टेड सर्विसेज शामिल होंगी)[प्रोविजो सेकंड ऑफ सेक्शन 10(1)उन रेस्टोरेंट्स के लिए अलग स्कीम है, जो फूड व नॉन अल्कोहलिक बेवरेज सप्लाई करते हैं। इनमें कम्पोजिशन टैक्स की रेट 5% लगती है।

अगर सर्विसेज का कॉम्पोनेन्ट ज्यादा होगा तो उसके लिए 1अप्रैल 2019 से सप्लाई ऑफ सर्विस व मिक्स्ड सप्लाई के केसेज के लिए नई कम्पोजीशन स्कीम आ गई, जिसके लिए एग्रीगेट टर्नओवर की लिमिट 50 लाख रुपये तक होगी व टैक्स की रेट एग्रीगेट टर्नओवर पर 6%.होगी। इस केटेगरी के ऑप्टर को अपने बिल ऑफ सप्लाई के ऊपर ही ऊपर “टैक्सेबल पर्सन पेइंग टैक्स इन टर्म्स ऑफ नोटिफिकेशन नं 2/2019-CTR डेटेड 7-3-2019” छपवाना/लिखवाना पड़ेगा।
[धारा 10(2A), with रेट नोटिफिकेशन अंडर सेक्शन 9(1), 11(1),16(1)]

इंटर स्टेट सप्लाई नही कर रहा हो[धारा 10(2)(c)]

ऐसे गुड्स की सप्लाई की न की जा रही हो, जिन पर जीएसटी एक्ट में टैक्स लेविबल नही हो हो। [धारा 10(2)(b)]

आइस क्रीम या एडिबल आइस या पान मसाला व तम्बाकू उत्पाद का मैन्युफैक्चरर [धारा 10(2)(e)]

एक पैन पर रजिस्टर्ड सभी यूनिट्स को कम्पोजीशन ऑप्ट करना पड़ेगा [धारा 10(2) का प्रोविजो]

गुड्स की सप्लाई किसी ऐसे ईकॉमर्स ऑपरेटर के माध्यम से नहीं होनी चाहिए, जो धारा 52 के अनुसार TCS कलेक्ट करने के लिए liable हो।[धारा 10(2)(d)]

पिछले फिनांसियल ईयर का एग्रीगेट टर्नओवर(एक्सएम्प्टेड टर्नओवर भी शामिल होगा) 1.50 करोड़ से ज्यादा रहा हो, तो कम्पोजीशन स्कीम ऑप्ट के लिए एलिजिबल नहीं। पहला साल है तो उसके लिए यह कंडीशन एप्लीकेबल नहीं है।

ज्योंही टर्नओवर की लिमिट 1.50 करोड़ से क्रोस होगी। ऑप्टर नॉर्मल जीएसटी में आ जाएगा। व नियमानुसार स्टॉक का इनपुट क्रेडिट भी मिलेगा और टैक्स इनवॉइस जारी करने होंगे। [धारा 10(3)]

(i) कैजुअल टैक्सेबल पर्सन ऑप्ट नहीं कर सकता [रूल 5(1)(a)]

(ii) नॉन रेजिडेंट टैक्सेबल पर्सन ऑप्ट नहीं कर सकता[रूल 5(1)(a)]

(iii) कम्पोजीशन ऑप्टर के स्टॉक में कोई इंटर स्टेट purchased गुड्स या इम्पोर्टेड गुड्स नहीं होना चाहिए। [रूल 5(1)(b)]

(iv) कम्पोजीशन ऑप्टर के स्टॉक में, ऑप्टर की स्वयं की ब्रांच या प्रिंसिपल या एजेंट जो आउटसाइड स्टेट में हों एवम कम्पोजीशन स्कीम ऑप्ट कर रखी हो, से माल ट्रांसफर नहीं होना चाहिए। [रूल 5(1)(b)]

(v) कम्पोजीशन ऑप्टर के स्टॉक में unregistered सप्लायर से खरीदा हुआ माल नहीं होना चाहिए। अगर हो भी तो धारा RCM में टैक्स दिया हुआ होना चाहिए।[रूल 5(1)(c)]

(vi) कम्पोजीशन स्कीम ऑप्ट करने के 90 दिन के भीतर पोर्टल पर ऑनलाइन फॉर्म CMP-03 सबमिट करके unregistered सप्लायर से खरीदे गए स्टॉक सहित, स्टॉक की डिटेल देनी होगी।[रूल 3(4)]

2. क्या जीएसटी रजिस्ट्रेशन के समय सीधे कम्पोजीशन की स्कीम ले सकते हैं?

हाँ, जीएसटी में फ्रेश रजिस्ट्रेशन के समय REG-01 के पार्ट B में कम्पोजीशन स्कीम को ऑप्ट कर सकता है। [रूल 3(2)]

3.अगर जीएसटी रजिस्ट्रेशन के समय नॉर्मल जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करा लिया, तो बाद में नॉर्मल जीएसटी से कम्पोजीशन में शिफ्ट कर सकते हैं?अगर हाँ, तो कब?

अगर रजिस्ट्रेशन नॉर्मल जीएसटी में करा लिया, तो नेक्स्ट फिनांसियल ईयर शुरू होने से पहले CMP-02 फॉर्म ऑनलाइन सबमिट करके कम्पोजीशन स्कीम ऑप्ट की जा सकती है। लेकिन इस बार कोविड-19 की वजह से CMP-02 सबमिट करने की डेट एक्सटेंड करके 30 जून कर दी है। [रूल 3(3)]

4.कम्पोजीशन में शिफ्ट करने के दिन, जो स्टॉक होगा उसके इनपुट क्रेडिट का क्या होगा?

वित्तीय वर्ष शुरू होने के 60 दिन के भीतर फॉर्म GST ITC 03 सबमिट करके रूल 44(4) के प्रावधानों के अनुसार ITC reversal करनी होगी। [रूल 3(3)]

5.अगर कोई पर्सन कम्पोजीशन स्कीम के लिए एलिजिबल नहीं है, फिर भी कम्पोजिशन स्कीम ऑप्ट कर ली है या बाद में uneligible हो गया, तो क्या होगा?

(i) कम्पोजीशन ऑप्टर का ऑप्शन तब तक ही वैलिड रहेगा, जब तक ऑप्टर धारा 10 व रूल्स की सभी शर्तें पूरी करता रहेगा। [रूल 6(1)]

(ii) अगर कम्पोजीशन ऑप्टर ने किसी भी शर्त का उल्लंघन कर दिया तो उसको उल्लंघन के 7 दिन के भीतर फॉर्म GST CMP-04 सबमिट करना पड़ेगा, स्कीम से एग्जिट होने के लिए। तुरन्त बाद से “टैक्स इनवॉइस” जारी करनी होगी व धारा 9 के अनुसार जीएसटी लगेगा।[रूल 6(2)]

(iii) अगर जीएसटी डिपार्टमेंट को लगता है कि कम्पोजीशन ऑप्टर, कम्पोजीशन के लिए एलिजिबल नहीं है, या कम्पोजीशन की शर्तों को पूरा नहीं कर पा रहा है तो फ़ॉर्म GST CMP-05 में शो कॉज नोटिस देकर, जवाब मांगेगा। जवाब से संतुष्ट नहीं होगा, तो जवाब मिलने के 30 दिन के भीतर फ़ॉर्म GST CMP-07 में आर्डर पास करेगा, ऑप्टर को कम्पोजीशन से बाहर करने का। या तो उल्लंघन की तारीख से या ऑप्ट करने की तारीख से।[रूल 6(4)and 6(5)]

(iv) अगर डिपार्टमेंट ने डिटेक्ट कर लिया कि बिना एलिजिबिलिटी के ही कम्पोजीशन स्कीम में टैक्स जमा कराया जा रहा है, तो डिफरेंस टैक्स, मय टैक्स के बराबर पेनल्टी व धारा 73/74 के प्रावधान लगेंगे।

6.क्या कम्पोजिशन स्कीम से वापिस नॉर्मल जीएसटी में शिफ्ट किया जा सकता है? अगर हाँ तो कब? और उस दिन के स्टॉक की इनपुट क्रेडिट का क्या होगा?

(i)हाँ। कभी भी। फॉर्म GST CMP-04 सबमिट करके।फॉर्म GST CMP-04 सबमिट [रूल 6(3)]

(ii) कम्पोजीशन से बाहर आने के दिन जो स्टॉक इन हैंड होगा, उसकी इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए एग्जिट होने के ऑप्शन से या CMP-7 में ऑर्डर पास होने के 30 दिन के भीतर फॉर्म ITC-01 सबमिट करना होगा। [रूल 6(6)]

7. कम्पोजिशन टैक्स की रेट क्या लगेगी? व क्या एक्सएम्प्टेड टर्नओवर पर भी कम्पोजीशन टैक्स लगेगा? क्या इनपुट क्रेडिट भी मिलेगी?

(i) मैन्युफैक्चररस के एक्सएम्प्टेड टर्नओवर सहित, पर 1%

(ii) फ़ूड एंड बेवरेजेज के एक्सेमटेड टर्नओवर सहित, पर 5%

(iii) अन्य गुड्स पर , सिर्फ सप्लाई ऑफ, टैक्सेबल गुड्स+टैक्सेबल सर्विसेज का 1%

(iv) अन्य सर्विसेज या मिक्स्ड सप्लाई के केस में , 6% एग्रीगेट टर्नओवर का।

8.कम्पोजिशन स्कीम ऑप्ट करने वाले को कम्पोजीशन टैक्स कब व कैसे जमा कराना पड़ेगा? क्या कम्पोजीशन वाले को इनपुट क्रेडिट मिलेगी?

इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगी [धारा 10(4)]एवं टैक्स क्वार्टरली जमा कराना होगा, क्वार्टर खत्म होने के बाद अगले महीने की 18 तारीख को, फॉर्म CMP-08 जिसमें टैक्स कैलकुलेशन की डिटेल भी होगी।

9.कम्पोजीशन स्कीम ऑप्ट करने वाले को जीएसटी रिटर्न कब व कौनसे फॉर्म में भरनी होगी?

एक रिटर्न फाइल करनी होगी। GSTR-4 में। 30 अप्रैल तक। कोविड-19 की वजह से इस बार 15 जुलाई तक तारीख बढ़ा दी है।

10.कम्पोजीशन स्कीम ऑप्ट करने वाले कि इनवॉइस नॉर्मल जीएसटी रजिस्टर्ड पर्सन से किस प्रकार भिन्न होगी? क्या कम्पोजीशन ऑप्टर buyer से जीएसटी कलेक्ट कर सकता है?

(i) कम्पोजीशन ऑप्टर के ‘बिल ऑफ सप्लाई” के ऊपर ही ऊपर लिखा होना चाहिए “कम्पोजीशन टैक्सेबल पर्सन, नॉट एलिजिबल टू कलेक्ट टैक्स ऑन सप्लाइज” [रूल 5(1)(f)]

(ii) कम्पोजीशन ऑप्टर के हर बिज़नेस प्लेस के ल साइन बोर्ड पर “कम्पोजीशन टैक्सेबल पर्सन” लिखा होना जरूरी है।[रूल 5(1)(g)]

(iii) कस्टमर से जीएसटी कलेक्ट करने का प्रश्न ही नहीं उठता[ धारा 10(4)रूल 5(1)(f)]

11.क्या कम्पोजीशन ऑप्टर दूसरे राज्य से गुड्स/सर्विसेज की सप्लाई ले सकता है?

हाँ।

12. क्या कम्पोजीशन ऑप्टर RCM में जीएसटी के लिए लायबल है?

हाँ।

13.क्या एक बार कम्पोजीशन ऑप्ट करने के बाद हर वित्तिय वर्ष में दुबारा, फ्रेश ऑप्ट करनी होगी?

नहीं। [रूल 5(2)]