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ट्रस्ट पर जीएसटी:एक केस स्टडी

सरकार ने एक  NGO से सम्पर्क किया कि 1 लाख प्रवासी मजदूर कोरोना लोकडाउन में फंस गए हैं। आपको उनके लिए 7 दिन तक भोजन की वयवस्था करनी है। NGO ने अपना बजट बताया कि एक मजदूर की एक दिन की खाने की लागत 100 रुपये आएगी। कुल बजट 1लाख मजदूर×7दिन×100 रुपये प्रतिदिन=7 करोड़ हो गया।  NGO को सरकार ने 7  करोड़ रुपए  एडवांस दे दिए। NGO ने राजस्थान में डिफरेंट लोकेशन्स पर फंसे हुए मजदूरों को 7 दिन तक रोजाना 1 लाख  फ़ूड पैकेट्स डिलीवर किए। एक डिटेल्ड रिपोर्ट दी कि फ़ूड पैकेट कहाँ- कहाँ बांटे गए।  यहाँ फ़ूड की सप्लाई मजदूर अर्थात पब्लिक को की है। भुगतान सरकार ने किया है। क्या इस सप्लाई में सरकार द्वारा किया गया भुगतान जीएसटी एक्ट की सेक्शन 7(1)(a) के लिए प्रतिफल है? और यह सप्लाई जीएसटी के दायरे में आती है?
 
 इस प्रश्न का जवाब ढूंढने में हमें मदद मिली ऑथॉरिटी ऑफ एडवांस रूल, राजस्थान की जनवरी 2019 की  एक रूलिंग से, जो ऑथॉरिटी ने  अक्षय पात्र फाउंडेशन  की एप्लीकेशन पर दी है।
फैक्ट्स:-
 
1. अक्षय पात्र फाउंडेशन इनकम टैक्स की धारा 12AA में रजिस्टर्ड है एवं पूरे देश में 12 राज्यों में, 38 kitchens से, 14000 से ज्यादा स्कूलों में, 17 लाख से ज्यादा बच्चों के लिए मिड-डे मील सप्लाई करता है। इसके अलावा आंगनबाड़ी स्किम में भी खाना सप्लाई करता है।
 
2.  बच्चों से या बेनेफिशरीज को फ़ूड फ्री ऑफ कॉस्ट मिलता है।
 
3.राजस्थान में गेहूं सरकार उपलब्ध कराती है। ट्रांसपोर्टेशन सरकारी तय रेट से मिल जाता है। इसके अलावा कक्षा I से V तक के बच्चे के 4रुपये 13 पैसे, कक्षा VI से VIII के बच्चों के 6रुपए 18 पैसे। आंगनबाड़ी योजना में प्रति गर्भवती महिला व जच्चा के 5 रुपए 40 पैसे तथा बच्चों के 5 रुपए 25 पैसे राजस्थान सरकार से मिलते हैं।
 
4. फाउंडेशन को जो डेफिसिट रहता है वह कॉरपोरेट्स से व इंडिविसुअल से डोनेशन लेकर पूर्ति करता है।
 
फाउंडेशन ने ऑथॉरिटी से पूछा:-
1. क्या यह मिड-डे मील व आंगनबाड़ी में फ़ूड जीएसटी में सप्लाई है व क्या इस पर जीएसटी लगेगा l
 
उत्तर:- हाँ, टैक्सेबल है। जीएसटी लगेगा। नोटिफिकेशन 12/2017  की एंट्री नम्बर 1 में फूड की सप्लाई चैरिटेबल एक्टिविटी नहीं है।
 
2. फाउंडेशन जो स्क्रैप बेचता है जिसकी इनकम misc हेड में दिखते हैं। क्या वह स्क्रैप की बिक्री भी टैक्सेबल है?
 
उत्तर:- हाँ।
Profile photo of CA Raghuveer Poonia CA Raghuveer Poonia

Jaipur, India

Since 1995, He is handling all aspects of trust- income-tax registration u/s 12A, 80G, 10 (23C), compliance work, FCRA, foreign grants, NITI Ayog registration, Auditing, due diligence of channel partners, GST on NGOs, Income Tax scrutiny related to NGO/NPO and Social Service Organisation (Society/Trust/section 8/25 of companies act). This is the core area of practice and he has been handling the most complex cases pertaining to the above aspects. He is handling litigation /cases/matters related to income tax, before the Assessing Officer, CIT Appeals, ITAT across India. He is handling litigation /cases/matters related to GST, before adjudicating authority, Commissioner (Appeals) across India. He provides consultancy and opinions on income tax and GST matters for corporates and B2B. He is a regular panelist on TV debates as an expert in the matters of economy, taxation, Income Tax, GST, etc. He is a regular blogger and avid contributor on Income Tax, GST, and current economic issues. He also, handle issues related to ED investigation under PMLA. He also handles matters before NCLT regarding IBC and Company Law. He is a regular speaker in seminars/webinars. He has developed a new passion to be a YouTuber on the core matters mentioned above.

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