ट्रिब्यूनल ने 148 के लिए सीआईटी की अप्रूवल को माना हाइपर मैकेनिकल प्रोसीडिंग
ट्रिब्यूनल ने 148 के लिए सीआईटी की अप्रूवल को माना हाइपर मैकेनिकल प्रोसीडिंग quash की।
माननीय जयपुर ट्रिब्यूनल ने अपने हाल ही के दिनांक 25.11.2019 के एक फैसले में यह रूलिंग दी कि सीआईटी की अप्रूवल हाइपर मैकेनिकल है व प्रोसीडिंग quash कर दी।
झुंझुनूं में रामनारायण टिबड़ा, ओमप्रकाश मोरवाल व परमानन्द वर्मा ने मिलकर इंडाली रोड़ पर एक जमीन 8.40 लाख रुपये में खरीदी। जिसकी डीएलसी 8.70 लाख थी।
जयपुर इन्वेस्टिगेशन विंग में कोई शिकायत आई कि वास्तव में सौदा 1.32 करोड़ का था। साथ में कच्चा चिट्ठा था। विंग ने जांच की। क्रेता व विक्रेता के बयान लिए। किसी ने भी 1.32 करोड़ की बात स्वीकार नहीं की। जो कच्चे हिसाब किताब के कागज थे उनको अस्वीकार किया।
विंग ने अपनी रिपोर्ट बनाकर झुंझुनूं AO को भेज दी व रेमेडियल एक्शन धारा 148 के लिए कहा।
AO ने एडिशन कर दिया। टोटल इन्वेस्टमेंट 1.32 करोड़ मानते हुए उसमें से बुक्स में दिखाया इन्वेस्टमेंट 8.40 लाख घटाकर शेष 1.24 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट अघोषित आय में से मानते हुए, तीनों के हिस्से में 41.50 लाख प्रत्येक के हिस्से में एडिशन करके टैक्स लगा दिया।
करदाता सीआईटी अपील में आए। वहां रिलीफ नहीं मिली। फिर करदाता ट्रिब्यूनल में आए।
ट्रिब्यूनल में करदाता की ओर से एडवोकेट सिद्धार्थ रांका ने तर्क दिया कि यह AO का इंडिपेंडेंट सटिसफकेशन नहीं है। चूंकि विंग ने रेमेडियल एक्शन 148 के लिए लिखा है, इसलिए यह borrowed सटिसफकेशन है।
दूसरा जो कमिश्नर ने 148 की अप्रोवाल दी उस पर “yes” शब्द AO ने ही टाइप करवाकर भिजवाया था। कमिश्नर ने typed yes के आगे सिर्फ हस्ताक्षर किए।
इस अप्रूवल को माननीय ट्रिब्यूनल ने हाइपर मैकेनिकल अप्रूवल माना एवं कहा कि ट्रिब्यूनल का यह कंसिस्टेन्ट व्यू है कि ऐसी अप्रूवल मैकेनिकल हैं व without application of mind हैं। अतः रेओपेनिंग वैलिड नहीं है तथा आर्डर quash कर दिया।
ट्रिब्यूनल ने मध्यप्रदेश हाइकोर्ट के जजमेंट आयकर आयुक्त बनाम गोयनका लाइम एन्ड केमिकल लिमिटेड को rely किया। जिसमें आयकर विभाग की एसएलपी सुप्रीम कोर्ट से डिसमिस हो गई थी। 237 टैक्समैन 378(SC)
सीए रघुवीर पूनिया। 9314507298