vacancy allowance व सेलेब्रिटीज़ के केस
इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी में वेकैंसी अलाउंस के प्रावधान बहुत ही मजेदार हैं।
vacancy allowance व सेलेब्रिटीज़ के केस । धारा 23(1)(c) में प्रावधान है कि अगर प्रॉपर्टी या प्रॉपर्टी का कोई हिस्सा कभी किराए पर दिया है तो उस प्रॉपर्टी को let out प्रॉपर्टी माना जाएगा एवं अगर वो प्रॉपर्टी पूरी साल खाली रही है तो उस प्रॉपर्टी पर वेकैंसी अलाउंस देकर नोशनल टैक्सेबल इनकम जिसे एनुअल वैल्यू कहते हैं वो शून्य हो जाएगी।
अगर कुछ समय के लिए खाली रहा है तो खाली रहने की अवधि की आनुपातिक एनुअल वैल्यू कम हो जाएगी।
लेकिन अगर प्रॉपर्टी को कभी भी किराए पर नहीं दी है तथा एसओपी की छूट अन्य प्रोपर्टी में ले ली है ( एक प्रॉपर्टी एसओपी होगी, निर्धारण वर्ष 2020-21 से दो प्रॉपर्टी) तो उस प्रॉपर्टी की एनुअल वैल्यू किराए की बाजार दर से ली जाएगी एवं कोई वेकैंसी अलाउंस भी नहीं मिलेगा, अर्थात नोशनल किराए की इनकम टैक्सेबल होगी।
एनुअल वैल्यू में से 30% एडहॉक डिडक्शन मिलेगा एवं प्रॉपर्टी के लिए ऋण लिया है तो नियमानुसार ब्याज की छूट मिलेगी।
प्रियंका चौपड़ा बनाम आयकर उपायुक्त (2018) 94 टैक्समैन.कॉम 122:-
इसमें 21.03.2011 को करदाता के इनकम टैक्स की रेड हुई एवं रेड में करदाता के स्टाफ ने बताया कि नवकरण बिल्डिंग के फ्लैट नम्बर 901 व 904 के पेंटहाउस खाली पड़े हैं जो करदाता के भी काम नहीं आ रहे हैं। असेसमेंट के दौरान बताया कि करदाता एक एक्ट्रेस है एवं पेंटहाउस ड्रेसेस के गोडाउन के काम आता है लेकिन कोई प्रूफ नहीं दिया। अतः करदाता ने सेल्फ यूज़ का सहारा लेकर प्रॉपर्टी को चार्जिंग सेक्शन से बाहर निकालने की कोशिश की है। ट्रिब्यूनल ने करदाता के तर्क को स्वीकार करते हुए मामला पुनः निर्धारण अधिकारी के पास भेज दिया कि तथ्यों की दुबारा जांच करके फैसला करें।
सचिन तेंदुलकर व सैफ अली खान के केस अगली पोस्ट में।