सैफ अली खान पटौदी बनाम सहायक आयकर आयुक्त (2018)
सैफ अली खान पटौदी बनाम सहायक आयकर आयुक्त (2018) 96 टैक्समैन.कॉम 476 में मुम्बई आयकर ट्रिब्यूनल ने करदाता के पक्ष में फैसला दिया।
केस के तथ्य:-
करदाता बॉम्बे बांद्रा में hicon प्रॉपर्टी में 12वीं व 13वीं मंजिल का मालिक है। जिसको करदाता ने अल्ट्रेशन की जरूरत होने की वजह से किराए पर नहीं दिया।
करदाता ने 4 लाख रुपए नोशनल किराया टैक्स के लिए डिक्लेअर किया।
निर्धारण अधिकारी ने 11.58 करोड़ की वैल्यू की प्रॉपर्टी का नोशनल किराया 7% की दर से 81.08 लाख रुपये माना।
कमिश्नर अपील्स ने घटाकर 50.40 लाख रुपए कर दिया।
करदाता ने ट्रिब्यूनल में रिवाइज्ड प्रपोजल दिया कि मेरी प्रॉपर्टी अल्ट्रेशन की वजह से किराए पर नहीं लगी इसलिए मुझे वेकैंसी अलाउंस धारा 23(1)(c) में मिलना चाहिए तथा नोशनल इनकम शून्य माननी चाहिए। अल्टरनेटिवली करदाता ने 11.83 लाख रुपये नोशनल इनकम पर टैक्स देने की सहमति दी।
करदाता द्वारा अल्ट्रेशन के सबूत के तौर पर 50 लाख रुपये के अल्ट्रेशन पर खर्चे के बिल बतौर सबूत पेश किए।
इस तर्क से सहमत होते हुए ट्रिब्यूनल ने कहा कि अल्ट्रेशन की वजह से करदाता फ्लैट को किराए पर नहीं लगा पाया अतःकरदाता को इस फ्लैट पर वेकैंसी अलाउंस मिलना चाहिए। लेकिन चूंकि करदाता ने 11.83 लाख रुपये की नोशनल इनकम पर टैक्स देना ग्राउंड्स ऑफ अपील में ही स्वीकार कर लिया है अतः इतना टैक्स स्वीकार करने का निर्देश देकर करदाता के पक्ष में फैसला किया।