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GST on ट्रस्ट “AtoZ”-पार्ट-4

GST on ट्रस्ट “AtoZ”-पार्ट-4

ट्रस्ट/NGO की कौनसी एक्टिविटी/सप्लाई जीएसटी में टैक्सेबल है या कौनसी एक्टिविटी/ सप्लाई exempt है यह classify करने के लिए हम NGO की एक्टिविटी/ रिसिप्ट्स को निम्नलिखित 6 भागों में बांटते हैं:-

1. डोनेशन/ वोलंटरी कॉन्ट्रिब्यूशन

2. कोरपस डोनेशन/ डोनेशन with इंस्ट्रक्शन ऑफ use

3. ग्रांट-इन-ऐड, जिसमें पूरा बजट with डिटेल्ड एक्टिविटी हो। अगर कोई सरप्लस हो तो रिफंडेबल की कंडीशन हो या reimbursement भी हो सकता है, पूरा या आंशिक

4.चार्जेज जैसे फीस, कंसल्टेंसी, ट्रेनिंग फीस, accomodation, ट्रांसपोर्टेशन, फ़ूड, कॉस्ट ऑफ मटेरियल, रेंट, आदि।

5. मेम्बरशिप फीस

6. रिवर्स चार्ज

इन सब कैटेगरी को बारी-बारी से डिस्कस करते हैं:-

1व 2:-डोनेशन व कोरपस डोनेशन दोनों ही वोलंटरी कॉन्ट्रिब्यूशन हैं। इनके बदले में ट्रस्ट की और से किसी भी गुड्स/ सर्विसेज की सप्लाई नहीं है। इसलिए ये जीएसटी के दायरे से बाहर हैं

3. ग्रांट-इन-ऐड:- ग्रांट-इन-ऐड में NGO की और से जो बजट खर्च किया जाता है वह सप्लाई ऑफ गुड्स/ सर्विसेज की कैटेगरी में है, अगर ग्रांट इन ऐड को प्रतिफल मानते हैं तो। मेरी राय में विभागीय व्यू तो यही रहेगा कि ट्रस्ट समाज/ पब्लिक को सेवा दे रहा है तथा ग्रांट इन ऐड देने वाली संस्था से प्रतिफल ले रहा है। मेरा व्यू 50:50 है। अक्षय पात्र फाउंडेशन के मामले में राजस्थान की ऑथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग ने टैक्सेबल बताया है।

4. चार्जेज:- चार्जेज जो हैं वे जीएसटी एक्ट की टैक्स लगने की सभी शर्तें पूरी करते हैं। ये सब टैक्सेबल हैं बशर्ते कि धारा 11 के अंतर्गत जारी नोटिफिकेशन नम्बर 12/2017 व उसके जैसे अन्य नोटिफिकेशन के माध्यम से पार्टिकुलर सप्लाई स्पेसिफिकेली एक्सेम्पट न कर दी है। इन एक्सेम्पट नोटिफिकेशनस को बाद में देखेंगे कि क्या-क्या एक्सेम्पट है।

5. मेम्बरशिप फीस भी debatable रहेगी। क्योंकि यह कहा जा सकता है कि ट्रस्ट/ NGO का मेंबर मेम्बरशिप फीस चुकाकर ट्रस्ट/ NGO के मेंबर्स के अधिकार हासिल कर लेगा। जिसमें मीटिंगों में भाग लेना/ निर्णयों में भागीदारी आदि सेवाऐं मानी जा सकती हैं।

6. रिवर्स चार्ज जिसमें मुख्यतः एडवोकेट की व गुड्स ट्रांसपोर्ट एजेंसी की सेवाएं हैं जो टैक्सेबल हैं। इसके अलावा भी जो पहले लिस्ट दी गई है, वे पूरी सर्विसेज टैक्सेबल होंगी।

इनपुट टैक्स क्रेडिट:-

अगर NGO/ ट्रस्ट ने माल खरीदते समय या सर्विसेज लेते समय कोई जीएसटी चुकाया है तो उसकी इनपुट टैक्स क्रेडिट धारा 16, 17, 18 व उसके लिए नोटिफिएड रूल्स के अनुसार मिलेगी। जो मोटे तौर पर कोई इनपुट क्रेडिट ऐसी है जो सप्लाई में डायरेक्ट attributable है तो उस सप्लाई के अगेंस्ट मिल जाएगी। अन्यथा अनुपातिक मिलेगी।

एग्जेम्प्टेड सप्लाई:-

ट्रस्ट के लिए स्पेसिफिकेली एग्जेम्प्टेड सप्लाई नोटिफिकेशन नम्बर 12/2017 में दे रखी हैं उसकी चर्चा हम अगले पार्ट में करेंगे। लेकिन ट्रस्ट को सबसे पहले सभी exemption के नोटिफिकेशन की स्क्रूटिनी करनी चाहिए कि क्या पता ट्रस्ट द्वारा की जाने वाली सप्लाई अन्यथा एग्जेम्प्टेड हो। जैसे इस कोविड-19 के दौर में कोई ट्रस्ट सब्जी सप्लाई कर रहा हो या कोई अन्य आइटम। गुड्स के exemption के लिए निम्नलिखित नोटिफिकेशन हैं:-

2/2017
28/2017
35/2017
42/2017
7/2018
19/2018
25/2018
9/2019
15/2019
18/2019

सर्विसेज के लिए जो नोटिफिकेशन हैं वो इस प्रकार हैं। ट्रस्ट की ज्यादातर एक्टिविटी सर्विस में कवर होती हैं:-

12/2017
21/2017
25/2017
32/2017
47/2017
2/2018
14/2018
23/2018
28/2018
4/2019
21/2019
28/2019

Profile photo of CA Raghuveer Poonia CA Raghuveer Poonia

Jaipur, India

Since 1995, He is handling all aspects of trust- income-tax registration u/s 12A, 80G, 10 (23C), compliance work, FCRA, foreign grants, NITI Ayog registration, Auditing, due diligence of channel partners, GST on NGOs, Income Tax scrutiny related to NGO/NPO and Social Service Organisation (Society/Trust/section 8/25 of companies act). This is the core area of practice and he has been handling the most complex cases pertaining to the above aspects. He is handling litigation /cases/matters related to income tax, before the Assessing Officer, CIT Appeals, ITAT across India. He is handling litigation /cases/matters related to GST, before adjudicating authority, Commissioner (Appeals) across India. He provides consultancy and opinions on income tax and GST matters for corporates and B2B. He is a regular panelist on TV debates as an expert in the matters of economy, taxation, Income Tax, GST, etc. He is a regular blogger and avid contributor on Income Tax, GST, and current economic issues. He also, handle issues related to ED investigation under PMLA. He also handles matters before NCLT regarding IBC and Company Law. He is a regular speaker in seminars/webinars. He has developed a new passion to be a YouTuber on the core matters mentioned above.

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