Decision Analysis: VKC Footstep India P Ltd Vs UOI
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Decision Analysis
VKC Footstep India P Ltd Vs UOI 2020 Gujarat High Court
Section 54(3)(ii) and Rule 89 of CGST Rule 2017
Refund of ITC on Service in Inverted Duty Structure
अभी एक गुजरात हाई कोर्ट का निर्णय आया है जिसमे Sec 54(3)(ii) के हिसाब से दिए जाने वाले ITC के Refund में अब Input के अलावा Services के ITC का भी Refund करने की डीलर का आवेदन मान लिया है
अब हम चर्चा करते है कि इस केस में Dealer का क्या कहना था, फिर डिपार्टमेंट के क्या कहा, क्या डिसिशन आया और मेरा इसके बारे में क्या View है और ये आगे किस हद तक Dealer को लाभ देगा ये डिसिशन
Point by Dealer :-
1) इसमे डीलर का ये कहना था कि एक तो ये 54(3) Negative Word के साथ स्टार्ट होता है कि किसी को नही मिलेगा इनको छोड़कर
2) उसका ये सबसे बड़ा पॉइंट था की इसमे “Any Input Tax Credit” Word लिखा है, तो यहा any मतलब सब कोई input जिसका भी ITC मिलता है उसका रिफंड मिलेगा
3) जब लॉ ये कही नही बोलता है कि Service का नही मिलेगा तो जो रूल 89(5) है वो ये कैसे बोल सकता है कि नही मिलेगा, जबकि SC के कई निर्णय आ चुके है जो ये बोल चुके है कि Rule Act से ऊपर कभी नही जा सकते है मतलब Rule 89(5) गलत है
4)फिर उसका ये कहना था कि आप कोई भी भारत सरकार का डाक्यूमेंट्स देख लो, जब सरकार GST ला रही थी तो ये गाला फाड़ कर बोल रही थी कि हम तो सबको सबकी ITC देगे यही हमारा GST का मकसद है, ये बात Empowered committe के पहले डिस्कशिकन पेपर में थी 2008 के, फिर GST बिल जो आया था उसके Object में भी थी, फिर FAQ में भी थी, तो अब सरकार अपने वादे से मुकर रही है और Service का ITC तो ITC ही नही मान रही है रिफंड के लिए तो ये गलत बात है सरकार की
5) Input Tax में दोनों के इनपुट आते है, और Input tax credit का मतलब credit of input tax होता है तो जब ITC का मतलब Act में दिया गया है तो यहा Rule 89(5) में को अपनी मर्जी से थोड़े ITC का मतलब नया बना सकती है
6) Act में सब जगह सरकार को पावर दिया गया है Rule बनाने का, As may be prescribed लिखकर, लेकिन Section 54(3)(ii) में सरकार को सिर्फ ये अधिकार सिया है कि ये Notify कर सकती है कि किस आइटम पर Inverted duty का रिफंड नही मिकेगा, लेकिन उसने तो रूल बना दिया, जो कि उसको बनाने का अधिकार ही नही है
अब डिपार्टमेंट के वकील साहब ने कोई खास बोला ही नही इस केस में, वो तो सिर्फ एक बात बोले कि सरकार को Sec 164 में अधिकार है कि वो रूल बना सकती है तो हमने जो रूल बनाया है वो सही है तो इनको रिफंड नही मिलेगा
तो कोर्ट ने दोनों को सुनने के बाद ये बोला कि
1) डीलर सही बोल रहा है की यहा जो Any word उपयोग हुआ है इसका मतलब है कि Service का ITC का भी रिफंड मिलेगा
2) सरकार ने जो रूल 89(5) बनाया है वो Act के ऊपर जाकर बना है तो वो गलत है, क्योंकि Rule कभी भी Act से बड़ा नही हो सकता है
मेरे हिसाब से इस डिसिशन का फायदा 36(4) के लिए बड़ा मिलेगा क्योंकि वहां भी एक Rule Sec 16 से ऊपर गया है
अगर यही बात मानी जाती है आगे, तो अब Capital goods का भी ITC Refund कोर्ट allow कर देगी क्योंकि उसको भी ऐसे ही रोका हुआ है सरकार ने