Refund in Inverted Duty – Sec 43(3)(iii)
Refund in Inverted Duty – Sec 43(3)(iii)
CGST Act के Sec 54(3)(ii) से एक नया कांसेप्ट लाया गया refund के लिए, उसका नाम है Inverted duty structure, इसमे ये प्रोवीसीन किया गया की, एक डीलर की अगर आउटपुट टैक्स की रेट इनपुट टैक्स से कम है, तो जो उसके पास ITC एक साथ उसके पास रह जाता है उसका वो रिफंड ले सकता है, ताकि उसकी कोई वर्किंग कैपिटल GST में की रेट की वजह से फालतू में ब्लॉक ना हो,
ये बहुत ही अच्छा कदम था और प्रसंसा करने लायक काम किया था सरकार ने कानून बनाते हुए
अब जैसा कि GST लॉ के साथ जुलाई 2017 से हुआ है, इसमे भी बहुत ज्यादा रायता फैला दिया गया, ये सिस्टम करके की ये तो सिर्फ goods पर लागू है सर्विस पर लागू ही नही है
और इसमे भी Council को अधिकार दिया गया कि वो चाहे तो कोई भी गुड्स को इस refund से बाहर कर सकती है
अब जब एक्ट लागू हुआ तो सबसे पहले कौंसिल ने 05/2017 CTR से टेक्सटाइल के की कुछ आइटम को इस प्रोवीसीन का सहारा लेकर बाहर कर दिया की यहा तो ITC 18% है जबकि आउटपुट 5% है लेकिन हम इसको बेनिफिट नही देंगे, तो इसका विरोध हुआ सूरत मार्किट में जबरदस्त
तो फिर उन्होंने 20/2018 CTR में एक नोटिफिकेशन लेकर बोले कि आपको मिलेगा लेकिन अब अभी तक का जो ITC आपके पास है वो लैप्स हो जाएगा आपका, हम आपको आगे से देंगे, तो यहा नोटिफिकेशन एक तरह आए कानून से ऊपर निकल गया कि किसी की 16(2) के हिसाब से ली गयी ITC ही ब्लॉक कर दी गयी, अभी ये मैटर SC में है, देखते है कब फैसला आता है
फिर सरकार ने एक नया काम किया, उन्होंने सर्कुलर 125 जो कि रिफंड का मास्टर सर्कुलर है, उसमे ये बोला कि भैया, यह 54(3) में inputs लिखा है इसका मतलब input है तो हम आपको सर्विसे और कैपिटल गुड्स का इसमे रिफंड नही देंगे,
अब यहा पर एक सर्कुलर Law के उपयोग किये गए शब्द का मतलब बता रहा है, कितनी अजीब बात है, ऐसा पहली बार हुआ था कोई एक्ट में,
तो लोग फिर कोर्ट चले गए, अब कोर्ट बताएगा की यह लिखे inputs का मतलब क्या है, मतलब फिर जब तक फैसला नही आएगा 2 4 साल तक, जो डिपार्टमेंट कहे वो करो और इनका कहना है कि यहा inputs का मतलब input है तो मानो फिर सब लोग और इसके साथ उन्होंने Rule 89(5) जिसमे ITC का कैलकुलेशन करना होता है वाह भी Net ITC में input का उपयोग करके बाकी को बाहर कर दिया
अब एक और बात है, की कभी किसी ने जो माल खरीद है उसके बाद अगर उसका रेट काम हो गया तो वो inverted में आएगा क्या, तो फिर Circular 135 में डिपार्टमेंट ने बोल दिया कि नही आएगा, तो अब वो भी मानो बात आप
तो इस तरह से उन्होंने अपने हिसाब से सारे काम किये जिससे आपको ITC on service और capital goods का बेनिफिट ना मिले, बाकी अब देखते है कि सुप्रीम कोर्ट क्या बोलता है, क्योंकि कोई भी हाई कोर्ट का फैसला आगर डिपार्टमेंट के खिलाफ आया तो उसके तो वो अपील SC में करेंगे ही हर हाल में